
अंधेरा गहराता जा रहा था। घाटी में खामोशी का समंदर छाया हुआ था, और पेड़ों की टहनियां जैसे धीरे-धीरे फुसफुसा रही हों। वहां, उस दूरदराज के जंगल के बीच, एक ऐसा रहस्य दफ़न था जो सदियों से किसी के सामने खुल कर नहीं आया था।
यह कहानी उन दिनों की है जब छोटे-से गांव के लोगों के बीच अजीबोगरीब घटनाएँ होने लगीं। आज भी वह जंगल और उसके आसपास के इलाके किसी भयानक घटना की याद दिलाते हैं, जो धीरे-धीरे एक मर्डर, काला जादू और गायब होने की गुत्थी में उलझता चला गया।
घटना की शुरुआत
साल 2023 की आखिरी सर्दियों में, जब ठंडी हवाओं ने पेड़ों की पत्तियों को कांपते हुए लपेट लिया, उसी समय गांव में अजीब घटनाएँ शुरू हुईं। सबसे पहली घटना हुई राजू नामक किशोर के साथ, जो अपने दोस्तों के साथ जंगल की ओर गया था और वापस नहीं लौटा। गांव वाले उसकी तलाश में गए पर जंगल से सिर्फ उसकी चप्पल मिली, जो किसी ने बर्बर तरीके से फेंक दी थी।
बाद में पता चला कि राजू जैसी गायबियां सिर्फ एक दुर्घटना नहीं थीं। एक पुरानी हवेली के पास पथरीले रास्तों के बीच कुछ संदिग्ध निशान देखे गए। गांव वाले मानने लगे थे कि कोई काला जादू उस जंगल में सक्रिय था। कुछ बूढ़े बताते थे कि यह जंगल पहले एक पंथ का केंद्र हुआ करता था, जिसमें मौत और मर्डर की कहानियां दफन थीं।
हवेली का रहस्य
दरवाज़ा धीरे-धीरे चरमराया… और सन्नाटा गूंज उठा। गांव की हवेली की खिड़की के पास से गुजरते वक्त एक छात्रा ने एक साया देखा। उस साये ने जैसे उसे घूरा हो। फिर अचानक, साया ग़ायब हो गया। यह देखकर वह लड़की डर से भाग निकली। कुछ दिन बाद उसी घर के तहखाने से खून के निशान बरामद हुए, जो किसी खूनी हादसे की दास्तां सुना रहे थे।
एक गांव के युवक, रमेश, जो कि स्थानीय इतिहास में गहरी रुचि रखता था, उसने उस हवेली का गुप्त तहखाना खोलने का साहस किया। वहां उसे एक जादुई किताब मिली, जिसमें ऐसे संस्कार और मंत्र लिखे थे जो गांव वालों के अनुसार बर्दाश्त से बाहर थे। किताब में एक वाक्य बार-बार लिखित था — “जो इस रहस्य को खोलेगा, वह खुद इसके साये में खो जाएगा।”
रमेश की कहानी
रमेश की कहानी में एक नया मोड़ तब आया जब वह एक रात उसी तहखाने के भीतर से अजीब आवाजें सुनने लगा। उसकी नींद उड़ गई, और वह महसूस करने लगा कि कोई उसके पीछे है। आवाजें मनोवैज्ञानिक तनाव की हद तक पहुंचने लगीं, और उसकी आंखों के सामने भयानक छवियां घूमने लगीं। गांव वाले कहते थे कि जो किताब के मंत्र पढ़े, वे एक मौत और मर्डर की साजिश के जाल में फंस जाते।
कहा जाता है कि उस रात उस जंगल से एक भयानक चीख गूंजी। अगले दिन रमेश गायब था। तहखाने में सिर्फ किताब खुली मिली थी, और उसके पन्ने अचानक जलने लगे थे। गांव वाले आज भी उस घटना को लेकर दहशत में हैं — कोई नहीं जानता कि रमेश के साथ क्या हुआ।
जंगल की दहशत और रहस्य
वह जंगल आज भी खामोश है, लेकिन सुनसान हवेली के काले साये की गूंज वहां मौजूद है। बताया जाता है, जो भी उस काले साये के करीब गया, वह या तो गायब हो गया या पागल हो गया।
क्या वह जंगल वाकई में एक काला जादू की छाया में है? या कुछ उम्मीद से परे झूठ और धोखे से भरी तस्वीर है?
क्या कभी कोई उस जंगल के अंदर छिपे साये को उजागर कर पाएगा? या यह रहस्यमयी कहानी सदा के लिए अधूरी रह जाएगी, एक धीमे, अनसुलझे खौफनाक राज़ के साथ?
सारांश
यह कहानी एक दूरदराज के जंगल की रहस्यमयी घटना पर आधारित है जहाँ गायबियां, काला जादू और पुरानी मान्यताएं जुड़े हैं। राजू की अचानक गायब होने से शुरू होकर, रमेश की जादुई किताब और उसके बाद की भयानक घटनाएं इस जंगल के डरावने रहस्य को दर्शाती हैं। गांव वाले आज भी इस काले साये के खौफ में जी रहे हैं और इस रहस्य को उजागर करने की हिम्मत किसी में नहीं है।
ऐसी ही रहस्यमयी कहानियों के लिए जुड़े रहिए DEEP DIVES के साथ।