
उत्तर भारत के एक छोटे से गाँव ‘शांतिपुरा’ में 2024 की नवम्बर की ठंडी रात को हुई एक रहस्यमयी हत्या की कहानी। रमेश कुमार नामक युवक की जंगल के पास स्थित एक प्राचीन व सुनसान हवेली के समीप रहस्यमय ढंग से मृत्यु हो गई।
घटना का वर्णन
गाँव की संकरी गलियाँ उस रात अनहोनी की आहट से गूँज रही थीं। घने जंगल की गूज ने वातावरण में भय का संचार किया और लोगों की नींद उड़ा दी। रमेश कुमार, जो अक्सर अकेले जंगल में समय बिताता था, अचानक गायब हो गया। खोज के दौरान हवेली के पास रक्त से सनी मिट्टी मिली, जिससे हत्या का शक पुख़्ता हो गया।
हवेली और काला जादू
गांव के बुजुर्गों के अनुसार हवेली एक पुराने पंथ का केंद्र थी, जहाँ काला जादू किया जाता था। हवेली से पुरानी किताबें और अज्ञात प्रतीक मिले, जो इस बात को और अधिक भयावह बनाते हैं।
गांव की रहस्यपूर्ण स्थिति
- कुछ ग्रामीण भय से चुप्पी साध गए।
- कुछ के चेहरे पर अस्पष्ट डर झलक रहा था।
- पुलिस जांच के बावजूद कोई ठोस सुराग नहीं मिला।
रहस्यमय घटनाएँ
हवेली के दरवाजे से आने वाली फुसफुसाहटें और चरमराने की आवाजें स्थिति को और गंभीर बनाती हैं। जंगल और हवेली में आज भी ऐसी रूहें जीवित हैं जो इस हत्या के असली राज़ को छुपाए हुए हैं।
समाप्ति और सवाल
यह कहानी केवल एक हत्या नहीं, बल्कि पुराने पंथ, मनोवैज्ञानिक तनाव और प्राचीन मान्यताओं का मिश्रण है। रमेश की मौत के पीछे छुपा असली कारण अब भी अनसुलझा रह गया है।
सारांश: ‘शांतिपुरा’ गाँव की इस घटना में एक युवक की रहस्यमय मौत, एक प्राचीन हवेली का काला जादू और गाँव वालों का भय स्पष्ट होता है। यह कहानी पुराने रहस्यों और अनसुलझे प्रश्नों से घिरी हुई है, जो हर रात गाँव में साया बनकर घूमता रहता है।