
दिल्ली में हाल ही में हुई एक मनोवैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, हॉरर और क्राइम फिल्मों को पसंद करने के 9 मुख्य कारण सामने आए हैं। ये फिल्में न केवल मनोरंजन का साधन हैं, बल्कि हमारे मस्तिष्क पर गहरा प्रभाव भी डालती हैं।
हॉरर और क्राइम फिल्मों को पसंद करने के कारण
- डर का रोमांच: यह उनके एड्रेनालिन स्तर को बढ़ाता है, जिससे लोग रोमांच का अनुभव करते हैं।
- नाटकीयता और रहस्य: फिल्म की गहराई और रहस्य दिमाग को सक्रिय रखती है।
- सामाजिक और नैतिक मुद्दे: ये फिल्में सोचने पर मजबूर करती हैं कि समाज और नैतिकता क्या है।
- डर और सुरक्षा के बीच के रिश्ते को समझना।
- आत्मविश्वास और साहस: ये फिल्में देखने से व्यक्तियों में ये गुण बढ़ते हैं।
- पात्रों और उनकी कहानियों से जुड़ाव।
- अनिश्चितता और ट्विस्ट: मानसिक उत्साह बढ़ाते हैं और बोरियत को खत्म करते हैं।
- मनोरंजन के साथ मानसिक संतुष्टि।
- मानव मन की जिज्ञासा और भावना को समझना।
ये वजहें ही दिल्ली के युवाओं और अन्य वर्गों में हॉरर और क्राइम फिल्मों को इतना लोकप्रिय बनाती हैं। मनोवैज्ञानिकों का यह अध्ययन हमें यह समझने में मदद करता है कि ये फिल्में हमारी मानसिक और भावनात्मक स्थिति पर कैसे असर डालती हैं।