
Summary: एक छोटे से गांव में रमेश नाम के एक आदमी का रहस्यमयी ढंग से गायब होना, पुराने काले जादू और दफन रहस्यों की परतें उजागर करता है। जंगल की खंडहर हवेली और वहां के अजीब साये के पीछे छुपे भयानक राज़ गांव को एक अनजानी डरावनी कहानी में बदल देते हैं।
गांव में दफन राज़: वो जो लौट कर नहीं आया…
धुंधली शाम की परछाइयों में जब पूरा गांव सोने की तैयारी में था, तभी उस छोटी सी गलियारे से एक ठंडी हवा चली, जैसे किसी पुराने राज़ की आवाज हो। इस गांव के उन वीरान रास्तों पर एक आदमी चला करता था — रमेश. पर रमेश पिछले तीन महीनों से गांव में नहीं लौटा। कहने को तो उसे जंगल में अकेले घूमने जाना पसंद था, पर इस बार उसकी वापसी की उम्मीद भी नहीं लगती थी।
गांव वाले कहते हैं कि जब रमेश जंगल की ओर गया, तो उसके साथ कुछ तो अजीब हुआ। उन्होंने देखा था एक साया जो उसके पीछे-पीछे चलता था, लेकिन जब वो मुड़ा तो वहां कोई नहीं था। उस साये के साथ एक पुरानी कहानी जुड़ी हुई थी — एक वो हवेली जो सदियों पहले ध्वस्त हो गई थी, लेकिन उसकी खंडहर की दीवारें कभी-कभी मिस्ट्री से फुसफुसाती हैं।
रमेश का गायब होना केवल एक हादसा नहीं था। गांव में कहा जाता है कि उस जंगल में काला जादू किया जाता था, और जो भी वहां जाता है, उस पर रहस्यमयी शक्ति का प्रभाव पड़ता था। कुछ लोग तो इसे श्राप कहते हैं, जो उस जगह पर बैठा है। चित्रों में अक्सर कुछ संकेत दिखे जो गांव के बुज़ुर्ग भी समझ नहीं पाए — खंडहर में मिली वह पुरानी जादुई किताब, जिसकी पन्नों पर लाल स्याही से अजीब निशान बने थे।
रमेश की पत्नी ने कई बार अफसरों को रिपोर्ट दी, लेकिन जंगल की जांच के दौरान कोई ठोस सुराग नहीं मिला। जैसा कि गांव के एक बुजुर्ग ने कहा, “जब तक वो साया साथ है, हकीकत कभी सामने नहीं आएगी।” इस कहानी की सबसे डरावनी बात यह है कि गांव में अब भी आधी रात को एक सिर फटे से चिल्लाने की आवाज आती है, जो गांव वालों के रोंगटे खड़े कर देती है।
क्या रमेश सच में वहीं कहीं फंसा है, या उस रहस्यमय काले साये ने उसे अपना शिकार बना लिया है? या फिर गांव के अंधेरे इतिहास में अभी भी ऐसे राज़ दफन हैं जो सामने आने से डरते हैं? दरवाज़ा धीरे-धीरे चरमराया, और सन्नाटा गूंज उठा। शायद अभी भी उस हवेली की माटी में से कोई कहानी बाहर निकलना चाहती है… लेकिन कौन सुन पाएगा उसके शब्द?
ऐसी ही रहस्यमयी कहानियों के लिए जुड़े रहिए DEEP DIVES के साथ।