
Summary: चंदनपुर की एक अशांत हवेली में छिपा एक काला जादू और गायब हुए लोगों का रहस्य, जो एक युवा पत्रकार की खोज का हिस्सा बनता है।
हवेली की रहस्यमयी शुरुआत
चंदनपुर गाँव की धूल भरी संकरी गलियों में खड़ी एक पुरानी, जर्जर हवेली कभी अपने अमीर ठाठ के लिए जानी जाती थी। वर्षों से यह हवेली वीरान और सूनी हो चुकी है। स्थानीय लोग इसके अंदर कदम रखते हुए डरते थे क्योंकि कहा जाता है कि वहां एक अज्ञात साया छिपा है जो किसी भी राज को उजागर किए बिना नहीं छोड़ता।
अमित की खोज और हवेली का राज
शाहजहाँपुर जिले के चंदनपुर में युवक पत्रकार अमित ने इस हवेली एवं उसके रहस्य की जांच शुरू की। तीन महीने पहले युवक रमन उस हवेली के रहस्यमय रहस्यों को जानने की कोशिश में अचानक गायब हो गया था। अमित ने हवेली के अंदर छिपाव के लिए कैमरा लगाया और कई भयावह घटनाएं दरवाज़ों के चरमराने और रहस्यमय काले धब्बों के रूप में रिकॉर्ड हुईं।
प्राचीन डायरी और काले पंथ का रहस्य
हवेली के अंतिम मालिक की मिली पुरानी डायरी में पंथ और काले जादू से जुड़े अनुशासन और घटित घटनाओं का विवरण था। डायरी के पन्ने अचानक गिरने लगे, हवा तेज हुई और माहौल भयानक खामोशी से भर गया। अमित महसूस करने लगा कि वह केवल एक खोजकर्ता नहीं, बल्कि अंधेरी शक्तियों के बीच फंसा था।
भयावह आवाजें और रहस्यमय काला साया
अमित पर हवेली के कोनों से आने वाली फुसफुसाहटें और भयानक आवाज़ें भारी पड़ने लगीं। गांव के बुजुर्गों का मानना था कि रमन की गायबगी के पीछे काले कर्म और पंथ के लोग थे जो हवेली की रक्षा करते हैं। कईयों ने हवेली में रात को एक काला साया देखा, जो मृत आत्माओं से जुड़ा था।
अमित का दोराहा और रहस्य का भविष्य
अमित के सामने दो विकल्प थे: वह यह रहस्य उजागर करता या हवेली की तरह खो जाता। हवेली के अंदर एक सौ साल पुरानी हत्या, गायब हुए लोगों की कहानी, और काले जादू का भंवर था। हवेली अभी भी वहीं खड़ी है, चुपचाप इंतजार कर रही है कि कोई उस दफ़न साये को उजागर करे।
यह कहानी इस बात पर खुलती और बंद होती है कि क्या अमित इस रहस्य से बाहर निकल पाएगा या नहीं – यह तभी पता चलेगा। परन्तु चंदनपुर की उस हवेली की गूंज आज भी सभी के दिलों में डर पैदा करती है।