
Summary: एक छोटे गांव की रहस्यमयी गायबगी का रहस्य, जिसमें काला जादू और पुरानी मान्यताएं छुपे हैं।
काली रात का सन्नाटा
अंधेरा धीरे-धीरे छा रहा था उस छोटे से गांव पर, जहाँ छुपे थे ऐसे राज़ जिन्हें उजाले की किरणें भी कभी खोल नहीं पाईं। शाम के वक्त वहां का माहौल एकदम सन्नाटा लिए हुए था, मानो हवा भी कुछ कह रही हो… या शायद किसी अनदेखे साये का भय फैला हो। ये कहानी है उस युवा लड़की की, जो अचानक गायब हो गई – बिना कोई शोर किए, बिना कोई सुराग छोड़े।
गांव की पुरानी मान्यताएं
गांव के लोग सदियों पुरानी मान्यताओं में विश्वास करते थे। कहा जाता था कि वहां कहीं किसी अंधेरे हवेली में काला जादू होता है, और जो कोई भी उस रहस्यमयी जगह की तरफ देखता, वह कहीं खो जाता है। लेकिन ये बातें उन्होंने हमेशा छुपाए रखी – डर के मारे, या फिर सच को छुपाने के लिए।
गौरी की गुमशुदगी
उस लड़की का नाम गौरी था, जिसकी मासूमियत और हँसी गांव के वीराने को भी खिलखिलाती लगती थी। लेकिन एक रात सितारे भी उसे देख कर कांप उठे होंगे। दरवाज़ा धीमे-धीमे चरमरा गया, और हवेली से एक साया निकला, जो उसके बाद कभी वापस नहीं आया। गौरी की गुमशुदगी ने गांव में हलचल मचा दी। पुलिस ने भी खोजबीन की, पर हर दिशा में बस गुप्त संकेत और रहस्मय निशान मिले।
रहस्यमयी किताब और गांव की प्रतिक्रियाएं
किसी ने देखा था एक पुरानी किताब, जिसमें काले जादू के मंत्र लिखे थे, और जिसमें से पहले संदिग्ध आवाज़ें गुज़रती थीं। उस किताब का रहस्य आज भी वह गांव के कुछ बुजुर्गों को बेचैन करता है। कई रातें तो गांव में आग की चमक के साथ गुमसुम चीखें भी सुनाई दी थीं। कोई जानता था कि ये सब मिलकर उस हत्या या गायब होने की गुत्थी को और जटिल बना रहा था।
गांव की बढ़ती चिंताएं
जैसे-जैसे दिन बीत रहे थे, वैसे-वैसे गांव के लोग भय और शक के घेरे में कहीं फंसते जा रहे थे। क्या यह कोई साधारण गायब होना था, या फिर कहीं कोई भयानक काला जादू काम कर रहा था, जो उन्हें सचाई से दूर धकेल रहा था?
रहस्य आज भी छिपा हुआ
रात के उस सन्नाटे में, जिसमें हर सांस एक रहस्य की गूंज थी, हर छाया एक भयानक चमक छुपाए हुए थी, क्या गौरी की आत्मा गांव में भटक रही थी, या वह कहीं और छिपी हुई थी – यह सवाल आज भी अनुत्तरित है।
क्या सच में उस हवेली में वो खौफनाक दफन राज़ छुपा था, जो कभी उजागर होने की हिमाकत नहीं करता? या फिर वह रहस्य अब भी हमारे आस-पास छिपा हुआ है, इंतजार करता है किसी जिज्ञासु की नजर का? दरवाज़ा फिर से चरमारा गया, पर इस बार कोई आवाज नहीं निकली… सन्नाटा गूंज उठा, और कहानी अधूरी रह गई।
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