
उस रात जब बादल घने हो चले थे और हवा में अजीब सी खामोशी थमी हुई थी, छोटे से गाँव के उस पुरानी हवेली के बाहर से अजीब आवाज़ें सुनाई दीं। हवेली जो वर्षों से वीरान पड़ी थी, उसकी खिड़कियाँ टूटी थीं और दरवाज़ा इतनी देर से बंद नहीं हुआ था जितनी देर से वह घटना हुई थी। गांव वाले उस हवेली को काला जादू और प्रेतात्माओं का ठिकाना मानते थे, पर जो कुछ हुआ उससे वह डर और भी गहरा गया।
कहते हैं कि हवेली में छिपा एक राज़ है—एक ऐसा राज़ जो किसी को भी उसके अंदर जाने की हिम्मत नहीं देता। कुछ माह पहले ही वहां से एक युवक गायब हो गया था। उसका कोई पता नहीं चला, न कोई सुराग मिला। उसकी वापसी के लिए गाँव में विभिन्न तरह के काले धंधे, रहस्यमय संकेत, और धोखे की कहानियां फैलने लगीं। कुछ लोगों ने कहा कि वह युवक हवेली में छुपी एक किताब की वजह से गायब हुआ, एक ऐसी जादुई किताब जो काला जादू और अनौखी शक्तियों का शाश्वत स्रोत थी।
उस युवक का नाम राजेश था, जो बाहर से आया था और गाँव की पुरानी कथाओं में विश्वास नहीं करता था। पर जैसे जैसे वह हवेली के करीब गया, उसके चेहरे पर छुपी आशंका जगने लगी। कहते हैं, उसे याद आया था कि उसके बाबा ने कभी एक चेतावनी दी थी कि हवेली के नीचे दफन हुआ रहस्य किसी के लिए खुशखबरी नहीं। वे रात जब उसे हवेली के अंदर धकेला गया, तो दरवाजा धीमे-धीमे चरमराया… और सन्नाटा गूंज उठा।
हवेली के अंदर घुसते ही राजेश ने देखा कि दीवारों पर अजीब तरह की चिन्हांकनें बनी थीं—जैसे किसी प्राचीन पंथ के दस्तावेज हों। नीचे की तहखाने में उसे कुछ अजीब सा महसूस हुआ, जैसे हवा में कोई अलौकिक तत्वों की मौजूदगी हो। तभी अचानक एक पुरानी किताब के पन्ने फड़फड़ाए, और कमरे को ठंडी हवा से भर दिया।
राजेश की आँखों के सामने एक ऐसा दृश्य उत्पन्न हुआ जिसे समझ पाना उसके लिए नामुमकिन था। वह किताब शापित थी, और उस पर लिखा था कि जो कोई भी इसे पढ़ेगा, उसके साथ एक भयंकर रहस्य जुड़ा होगा। उस रोज से राजेश का पागलपन बढ़ने लगा, और गाँव वाले आशंका जताने लगे कि वह काला जादू में फंस गया है और हवेली की आत्माएं उसे अपना शिकार बना चुकी हैं।
गाँव में धीरे-धीरे अजीब गुमसुमियाँ फैलने लगीं। राजेश के कुछ परिचितों ने कहा कि उन्होंने उसकी छाया को हवेली के आसपास घूमते देखा है—पर वह जीवित नहीं था। गाँव के बुजुर्गों ने भूली हुई पुरानी मान्यताओं और कथाओं को दोहराना शुरू किया कि वहां दफन हैं ऐसे राक्षस जो इंसानी आत्माओं को निगल जाते हैं।
एक रात जब तूफान आया, तो गाँव वालों ने हवेली के बाहर मिस्ट्री के साए को महसूस किया। उस वीरान स्थान पर अचानक से गड़गड़ाहट हुई, मानो किसी ने जादू की शक्ति से दरवाज़ा खोल दिया हो। वहीं से हवेली की चोरी हुई वस्तुओं की चुप्पी टूटी और एक नया अध्याय बना, जिसमें था मौत, धोखा और इंसानी जिज्ञासा की सीमा।
सुबह जब लोग वहां पहुँचे, तो हवेली के अंदर से सामान्य इंसानी आवाजें सुनाई नहीं दीं। केवल एक धुंधली सी छवि थी, जो धीरे-धीरे गायब हो रही थी। सवाल करोड़ों के थे: क्या वह राजेश जीवित था या उसकी आत्मा हवेली की दीवारों में कैद हो गई? क्या काला जादू वाकई मौजूद है, या यह सब किसी गहरे रहस्य का पर्दाफाश था? और सबसे बड़ा सवाल — उसके साथ क्या हुआ जो वह लौट कर नहीं आया?
आज भी हवेली के दरवाज़े पीछे किसी को पास जाने की हिम्मत नहीं होती। गांव के लोग कहते हैं कि उस जगह पर कोई आसुरी शक्ति छिपी है, जो मृतकों को अपने में समा लेती है। जो कुछ भी हुआ, उसकी गूंज अभी भी हवेली की दीवारों में सुनाई देती है। क्या वह रहस्य कभी उजागर होगा? कौन जाने…
सारांश
यह कहानी एक पुरानी हवेली में दफन एक रहस्यमय घटना और एक युवक के गायब होने की है। हवेली में छुपा हुआ रहस्य, काला जादू, और प्रेत शक्तियाँ गांव वालों के मन में डर का कारण बनीं। मुख्य पात्र राजेश, जो उन धारणाओं पर विश्वास नहीं करता था, हवेली की तहखाने में छुपी जादुई किताब और उससे जुड़े शाप से प्रभावित हो गया। कहानी में रहस्य और अंधविश्वास का एक ऐसा मिश्रण दिखाया गया है जो गाँव की शांति भंग कर देता है।
गाँव में फैली इस कहानी के माध्यम से यह महसूस होता है कि कभी-कभी कुछ रहस्य ऐसे होते हैं जिन्हें जानना या उजागर करना खतरनाक हो सकता है।