
Summary: एक गांव की पुरानी हवेली में छुपा एक काला जादू और गायब हुई लड़कियों का रहस्य, जो अब भी हवा में गूंज रहा है।
गांव में रहस्यमय घटनाएँ और गायब होती लड़कियाँ
दिसंबर का महीना था, जब गांव में कई मकानों से अचानक पथरा-सी आवाज़ें आने लगीं। गांव के बुजुर्गों का कहना था कि ऐसा अंधेरा और भयावहता उन्होंने कई वर्षों में पहली बार अनुभव किया था। इसी बीच, गांव की कुछ लड़कियाँ बिना कोई पता छोड़े गायब होने लगीं, जैसे किसी ने उन्हें अंधेरे में निगल लिया हो।
साहिल और ‘खूनी हवेली’ का रहस्य
साहिल, जो गांव का सबसे खोजी लड़का था, उसने उन दिनो बाहरी धीमी चीखों की आवाज़ें सुनीं। वह और उसके दोस्त गांव के किनारे स्थित एक पुरानी, जर्जर हवेली की तरफ बढ़े, जिसे सब ‘खूनी हवेली’ कहते थे। उस हवेली में पहले एक रहस्यमय हत्या हुई थी और वहां एक प्राचीन काला जादू छुपा हुआ था।
हवेली में खोज
हवेली के अंदर जाते ही उन्हें ठंडी हवा महसूस हुई और धूल भरे कागज़ों के नीचे एक पुराने ग्रंथ के निशान दिखाई दिए। वह ग्रंथ काला जादू से भरा था और धीरे-धीरे एक रहस्यमय भाषा में बोलने लगा। साहिल ने महसूस किया कि वह ग्रंथ एक गायब लड़की से जुड़ा था। हवेली के भीतरी हिस्से में एक गुप्त तहखाना मिला, जहाँ सांकेतिक शब्द, नाम और तस्वीरें रखी थीं जो गायब लड़की से संबंधित थीं।
रहस्य और भय
हवेली के अंधेरे में घूमता साया इंसानी नहीं था। वे सभी घबरा गए पर उस तहखाने के रहस्यों ने गांव के इतिहास के साथ-साथ काला जादू की सच्चाई को सामने लाने की संभावना दिखायी। फिर भी, उस रात से साहिल और उसके दोस्त कभी वापस नहीं लौट पाए।
क्या आगे होगा?
क्या काला जादू और गायब लड़कियाँ एक-दूसरे से जुड़े हैं? यह सवाल आज भी गांव में गूंजता है। ‘खूनी हवेली’ के सामने खड़ा एक अकेला पेड़ मानो उन लोगों की प्रतीक्षा कर रहा हो जो कभी लौटे नहीं।
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