
मुम्बई में शोधकर्ता कैथरीन डी. कोडूटो ने यह अध्ययन किया है कि सचमुच की अपराध की कहानियों से जुड़ाव क्यों हटाना मुश्किल होता है और इसका मानसिक स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ता है। उनके निष्कर्षों के अनुसार, लगातार सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से अपराध की घटनाओं को देखने से मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है।
सचमुच की क्राइम कहानियों के मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव
शोध में पाया गया कि अपराध की कहानियां देखने से निम्नलिखित नकारात्मक प्रभाव हो सकते हैं:
- चिंता और तनाव में वृद्धि
- नींद की समस्याएं
- मानसिक थकावट
- भय की भावना में वृद्धि
कैसे बचाव करें?
विशेषज्ञों की सलाह है कि:
- संतुलित मात्रा में ही सचमुच की क्राइम कहानियों का सेवन करें।
- मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य का नियमित रूप से ध्यान रखें।
- यदि आवश्यक हो तो मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से संपर्क करें।
यह अध्ययन खासतौर पर उन लोगों के लिए चेतावनी है जो लगातार सचमुच की अपराध कहानियों पर ध्यान देते हैं, ताकि वे अपनी मानसिक सेहत का खास ध्यान रख सकें।