
Summary: यह कहानी एक पुराने गाँव की रहस्यमयी हवेली में घटित हुई अजीबोगरीब घटनाओं और एक युवक की गुमशुदगी पर आधारित है। उस हवेली में काला जादू और हत्या के साये छिपे हैं, जिनसे गाँव वाले भयभीत हैं। कहानी गाँव के लोगों की डरावनी अनुभूतियों और उस युवक की गायब होने की गुत्थी को उजागर करती है।
रहस्यमयी हवेली और गाँव की वेदना
धुंधलाते चाँद की रोशनी में, गाँव की पुरानी हवेली में अजीब-अजनबी घटनाएं घटित हो रही थीं। हवेली को ‘खूनी हवेली’ कहा जाता था, क्योंकि यहाँ कई बार हत्या और काला जादू की चर्चाएँ सामने आई थीं। एक युवक, जो अचानक गाँव आया था, उस हवेली से जुड़ा हुआ था और बाद में वह कहीं गायब हो गया।
युवक की गुमशुदगी और साथ लाया पत्र
उस युवक के पास एक संदिग्ध पत्र था जिसमें रहस्यमय चिन्ह और भाषा लिखी गई थी, जिसे अजीब किस्म के काले जादू का हिस्सा माना गया। पत्र को उसने हवेली की तहखाने में छिपाया था, जिसके बाद गाँव में अजीब घटनाएँ शुरू हो गईं – वस्तुएं गायब होना, परछाइयों का पीछा करना, और लोग अचानक अंधकार में खो जाना।
गाँव वालों की आस्था और काला जादू का पंथ
गाँव के बुजुर्गों के अनुसार, हवेली से निकलने वाली आत्माएं टूटे हुए शीशे में बंद हो कर यहाँ आई थीं। एक गुप्त काला जादू का पंथ गाँव पर छाया था, जिसने हवेली में प्राचीन मंत्रों के माध्यम से मौत और जीवन के बीच की सीमाएँ तोड़ीं। कई लोग हवेली के अंदर रहस्यमय मंत्रों की आवाज़ें सुनने लगे।
युवक का दोस्त भी गायब
सबसे दिलचस्प मोड़ तब आया जब उस युवक का करीबी दोस्त, जो उसी पंथ का शिकार था, भी अजीब ढंग से गायब हो गया। उसने अंतिम बार कहा, “सच छुपा है हवेली के नीचे, जहाँ मौत भी रुक जाती है।” इसके बाद हवेली में डरावनी आवाज़ें उत्पन्न हुईं और सन्नाटा छा गया।
अज्ञात रहस्य और डर का माहौल
हवेली के निकट अब भी कोई जाने से डरता है क्योंकि वहां से अनजानी आवाज़ें और स्याह परछाइयाँ दिखती हैं। शोधकर्ताओं द्वारा की गई जांच भी विफल रही। यह रहस्य कि क्या सच में कोई हत्या हुई या काला जादू का षड्यंत्र है, अब तक अनसुलझा है।
यह कहानी अंधकार, भय, और रहस्यों के बीच बंधे एक गाँव की दास्ताँ है, जो अपने भीतर छुपे साये को उजागर करने का इंतज़ार कर रही है।