
उस गाँव में दफ्न राज़ की कहानी साया पुर नामक एक छोटे से गाँव से जुड़ी है, जो आज भी अपने भयावह अतीत के कारण जाना जाता है। इस गाँव में अर्जुन नामक एक युवक रहस्यमय तरीके से गायब हो जाता है, जिसके बाद कई काले जादू और भूतिया घटनाएँ सामने आती हैं।
रहस्य की शुरुआत
मई की एक गर्म शाम को, अर्जुन अचानक गायब हो जाता है। उसका कमरा अस्त-व्यस्त मिलता है और आसपास एक अजीब सी गंध फैली होती है। गाँव के बुजुर्गों का मानना है कि हवेली में काला जादू चलता है और अर्जुन उस जादू की चपेट में आ गया। कुछ लोग कहते हैं कि उसे एक भटकती आत्मा ने पकड़ लिया।
भूतिया घटनाएँ
गाँव में अप्राकृतिक घटनाएँ शुरू हो जाती हैं, जैसे पशुओं का असामान्य व्यवहार, पेड़ों का गिरना, और रात में होने वाली अजीब आवाजें। अर्जुन की दोपहर में हवेली के बाहर एक काली छाया देखी जाती है, जिसकी आँखों में मौत की चमक होती है। हवेली की दीवारों पर गुप्त चिन्ह और रहस्यमय चित्र मिलते हैं जो काले जादू के संकेत देते हैं।
अर्जुन का अंतिम संवाद
अर्जुन ने अपने परिवार को एक अजीब भाषा में फोन किया था, जिसके बाद उससे कोई संपर्क नहीं बना। पुलिस ने जाँच के दौरान एक काली पुस्तक बरामद की जिसमें जादुई चिन्ह थे, जिसने इस रहस्य को और बढ़ा दिया।
निष्कर्ष
इस कहानी के साथ जुड़ा हुआ साया पुर गाँव आज भी कई रहस्यों को संजोए हुए है। अर्जुन की गुमशुदगी और काले जादू की घटनाएं आज भी गाँव के लोगों के दिलों में डर बनाए हुए हैं। क्या वह लौटकर कभी आएगा या यह रहस्य यहीं दफन रहेगा, यह कहना मुश्किल है।
संक्षेप में, यह कहानी डर, रहस्य और भूतिया घटनाओं से भरी हुई है, जो पाठकों को एक अनजानी दुनिया में ले जाती है जहाँ अतीत की छाया कभी खत्म नहीं होती।