
Summary: एक छोटे से गांव में गायब हुए युवक के बाद शुरू होता है पुरानी हवेली और काले जादू से जुड़ा एक भयानक रहस्य, जो अब भी अंधेरे में दबा हुआ है।
रहस्यमयी घटना की शुरुआत
हर गांव की अपनी कोई कहानी होती है, लेकिन जब वह कहानी अंधेरे कोने से निकल कर आपके दिल की गहराई तक पहुंच जाती है, तब वह सिर्फ कहानी नहीं रहती, बल्कि एक जीवंत साया बन जाती है। ऐसा ही एक साया कुछ महीनों पहले उत्तर भारत के एक छोटे से गांव में छाया था, जहां हवा में अजीब सी खामोशी थी और रातें डरावनी होती गईं।
यह कहानी शुरू होती है जून की एक बारिश भरी रात से, जब गांव के एक युवा, अजय, अपने घर वापस नहीं लौटा। अजय, जो सभी का प्रिय था, अचानक से गायब हो गया, मानो धरती ने उसे ही निगल लिया हो। पूरे गांव में उसकी तलाशें की गईं, लेकिन हर बार जैसे कोई अदृश्य दीवार उसके आसपास खिंच जाती। सवाल उठने लगे कि क्या अजय की गायब होने के पीछे कोई भयावह कारण है।
पुरानी हवेली और काले जादू का रहस्य
गांववालों ने कहा कि उस रात पुरानी हवेली के पास एक अजीब सी रोशनी देखी गई थी। हवेली जो वर्षों से बंद पड़ी थी, और जिसके बारे में ये कहा जाता था कि वहां काला जादू होता है। कुछ लोगों ने दावा किया कि उन्होंने हवेली के अंदर से मनहूस आवाजें सुनीं, जैसे कोई बुरी आत्मा कुम्हलों की तरह फुसफुसा रही हो। उस रात के बाद से गांव में एक रहस्यमय डर फैल गया था।
हमने गांव के मुखिया से बात की, जिन्होंने बताया कि कई वर्षों पहले भी वहां एक हत्या हुई थी, जिसकी गुत्थी कभी नहीं सुलझाई गई। कहा जाता था कि उस हत्या में काला जादू का प्रयोग किया गया था ताकि दोषी को बचाया जा सके। लेकिन एक पंथ ने गांव को तबाह कर दिया था, और हर नई पीढ़ी पर इसका साया अब भी बना हुआ है।
अजीब घटनाएं और तहखाने का रहस्य
जैसे-जैसे खोज तेज हुई, वैसे-वैसे और भी अजीब घटनाएं सामने आने लगीं। परित्यक्त हवेली के पास रात को युक्ति से भी अधिक तेज आवाजें आती थीं, और जगह-जगह जमीन में गहरे निशान मिले जो किसी बड़े जीव के होने का अहसास देते थे। गांव के बुजुर्गों ने बताया कि उस इलाके में एक दंतकथा है, जिसमें एक छाया के बारे में बताया जाता है जो पीड़ितों को अपनी ओर खींच लेती है।
एक दिन, अजय की बहन ने सहसा बताया कि उसे एक सपने में अजय ने बताया था कि उसको हवेली के नीचे बने गुप्त तहखाने में बंद किया गया है। सपने में अजय की बातों में घुसपैठ की शक्ल थी, और बहन की दिल की धड़कन तेज हो गई। अगले दिन, गांव के कुछ युवक उस हवेली में गए, लेकिन जो मिले, वह सवालों से भरे थे। तहखाने की दीवार पर एक उलझे हुए संकेत का निशान मिला, जो किसी प्राचीन रहस्यमयी भाषा में था।
अंधेरे में दफ़न रहस्य
रहस्य गहराता गया, और जैसे ही हम तहखाने का दरवाज़ा खोलने की कोशिश करने लगे, अचानक से आसपास की हवा ठंडी पड़ गई, और बड़ा अजीब सन्नाटा छा गया। दरवाज़ा धीमे-धीमे चरमराया… और सन्नाटा गूंज उठा। लेकिन भीतर से कोई आवाज नहीं आई। ऐसा लगा जैसे कोई छाया उस तहखाने के भीतर अब भी ज़िंदा है, और बाहर आने को बेक़रार है।
क्या अजय फिर कभी वापस आएगा? क्या उस हवेली की दबी हुई सच्चाईयां कभी उजागर होंगी? या वह रहस्य वहीं दफ़न हो जाएगा, जैसे कई पहले दफ़न राज़? जो भी हो, वह रात का सन्नाटा अब भी उस गांव की गलियों में गूंजता रहता है, और अंधेरे में छिपा साया बिना हल हुए सवाल छोड़ जाता है।
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