
दिल्ली की शोध विशेषज्ञ कैथरीन डी. कोडुतो ने एक महत्वपूर्ण अध्ययन किया है जो बताता है कि ट्रू क्राइम मामलों से जुड़ी कहानियों को छोड़ पाना क्यों कठिन होता है। उन्होंने यह बताया कि सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स की वजह से लोग इन अपराध की घटनाओं से निरंतर जुड़े रहते हैं, जिससे मानसिक तनाव और चिंता बढ़ सकती है।
ट्रू क्राइम कंटेंट का मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव
कैथरीन के अनुसार, ऐसे कंटेंट देखने वाले कई व्यक्ति असुरक्षा और भय की भावना में फंस जाते हैं, जो उनकी खुशी और सामान्य जीवन पर बुरा असर डालती है। खासकर युवा वर्ग और मानसिक रूप से संवेदनशील लोग इस प्रभाव से अधिक प्रभावित होते हैं।
शोध के महत्वपूर्ण निष्कर्ष
- ट्रू क्राइम की लगातार खबरों एवं कहानियों का सेवन नजदीकी रिश्तों में दूरी पैदा कर सकता है।
- कंटेंट के अत्यधिक सेवन से व्यक्ति में तनावपूर्ण विचारों की मात्रा बढ़ सकती है।
विशेषज्ञ की सलाह
मनोवैज्ञानिक विशेषज्ञ सुझाव देते हैं कि मानसिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए इस तरह की सामग्री का सेवन सीमित करें। यदि आवश्यकता हो तो विशेषज्ञ की मदद लें। डिजिटल आदतों का ऐसा चयन करें जो आपकी मानसिक स्थिति को नुकसान न पहुंचाए।
अधिक जानकारी और अपडेट्स के लिए Stay tuned for Deep Dives।