
Summary: एक पहाड़ी गांव की पुरानी हवेली में हुई एक रहस्यमय हत्या और गायब लड़की की कहानी, जिसमें काला जादू और अलौकिक संकेतों का कारवां छुपा है।
खूनी हवेली की गूंज: अंदर छिपा साया जो लौट कर नहीं आया
सन्नाटे से घिरी एक सुनसान पहाड़ी गांव की गुमनाम हवेली, जहाँ समय ने स्वयं को थम सा लिया हो। इस हवेली की दीवारों पर धूल की मोटी परतें जमी थीं, पर उनमें वैसे निशान थे जो कहते थे – कोई हद से पार जा चुका है। यह कहानी एक ऐसी हत्या की है, जिसने पूरे उस इलाके की नींद उड़ा दी; एक दुर्घटना जो सतह के नीचे कई छिपे हुए रहस्यों को जन्म दे गई।
साल 2023 की ठंडी रात थी, जब गांव के लोग अचानक भयानक चीखों से जाग उठे। हवेली की खिड़कियों से बुझती हुई रोशनी के पीछे ऐसा कुछ घटित हो रहा था, जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। कुछ देर बाद पुलिस पहुंची, तो हवेली के अंदर के दृश्य ने हर किसी को हिला दिया। एक युवा लड़की गायब थी, सिर्फ़ खून से सने निशान और अजीबोगरीब जादुई चित्रों की परतें बाकी थीं।
गांव के लोगों का कहना है कि वह लड़की कभी अकेले घर से बाहर नहीं निकलती थी, पर फिर भी उस रात कुछ तो हुआ था, जिससे उसकी परछाई हवेली की गुमसुम दीवारों में बैठे रह गई। जांच में पता चला कि लड़की के घर पर कुछ अज्ञात símbolos, पुराने पंथों के संकेत और काला जादू की गुप्त पत्रिकाएं मिलीं। ये सब देखकर पुलिस भी घबरा गई, क्योंकि यह मामला सिर्फ हत्या का नहीं, बल्कि क़िस्मत से खिलवाड़ करने वाला रहस्य भी था।
जैसे-जैसे कहानी खुलती गई, पता चला कि कई लोग हवेली के अंदर रातों को अदृश्य कदमों की आहट महसूस करते थे, और कभी-कभी बूढ़े पेड़ की शाखाओं के बीच से एक छाया बिलकुल उस लड़की की तरह नजर आती। उस छाया का आना और जाना ही कई चिंतित कर देता। लोग कहते थे कि मालूम होता है कोई वापस लौटना चाहता है, पर डर की वजह से उसकी वापसी अधूरी रह गई।
घटना के बाद कई बार पुलिस, स्थानीय पूजा पाठ और पंडितों की मदद से हवेली में आयी अनेक जांचें सामने आईं, पर हर बार वे रहस्य और भी गहराते चले गए। गया वह लड़की कहां? क्या वह सचमुच अपने साथ कोई काला जादू लेकर गई, या कोई रहस्यमय शक्ति उसके अपहरण की वजह थी? लोगों के मन में यही सवाल कौंधते रहे।
हवेली के पुराने खिड़कियों के पीछे छुपा हुआ वह साया, जो कभी दुनिया की रोशनी देख नहीं पाया, अब भी धीरे-धीरे दिखाई देता है। उसके पीछे छुपे हुए सवाल, शक और वो गहरे फासले जो कभी खत्म नहीं होते। यह कहानी हमें याद दिलाती है कि हर जगह सिर्फ सतही सच नहीं होता, और कई बार डर के पर्दे के पीछे सच्चाई से भी बड़ा खौफ छिपा होता है।
और अब, उस हवेली की खिड़कियाँ श्वास की तरह खुलती और बंद होती रहती हैं, जैसे कोई कहानी कह रही हो, जिसे सुनने वाला किसी भी वक्त गायब हो सकता है…
दरवाजा धीमे-धीमे चरमराया… और सन्नाटा गूंज उठा।
ऐसी ही रहस्यमयी कहानियों के लिए जुड़े रहिए DEEP DIVES के साथ।