Summary: एक प्राचीन हवेली में हुई रहस्यमयी गायबियों की सच्ची घटना, जिसमें काला जादू और पुरानी मान्यताओं का छाया हुआ है।
रहस्यमयी हवेली की शुरूआत
भारत के एक छोटे से कस्बे की पुरानी हवेली में 15 मई की एक घनघोर रात को हुई घटना ने पूरे इलाके को सदमे में डाल दिया। हवेली सदियों से उसी परिवार की थी और कहा जाता था कि वहां काला जादू का प्रभाव है। उस रात अर्जुन, हवेली का अंतिम वारिस, अपने दोस्तों के साथ वहां गया था, लेकिन जो हुआ उसने सबकी सोच बदल दी।
अर्जुन और रहस्यमयी ग्रंथ
अर्जुन, एक जिज्ञासु युवक, जिसने शहर की असंख्य रहस्यमयी कहानियां सुनी थीं, हवेली के अंदर घुसा। हवेली के कमरे में रखा एक प्राचीन ग्रंथ था, जिस पर अजीबोगरीब चित्र और अजूबे अंकन बने थे। दीवारों पर बनी चित्रकारी कई पुरानी दास्तानें बयां कर रही थी, जो घटना को और भी रहस्यमयी बना रही थीं।
चौंकाने वाली घटना और गायबियाँ
रात में अचानक एक जोरदार चीख ने सन्नाटे को तोड़ा। अर्जुन का दोस्त मनीष अचानक गायब हो गया। सर्च करने पर भी कोई सुराग नहीं मिला। हवेली के अंदर रहस्यमय हवाएं चलने लगीं और ठंडक ने सबके रोंगटे खड़े कर दिए। लोगों का कहना था कि यह काला जादू का असर हो सकता है।
अर्जुन की भी अप्रत्याशित गायबगी
कुछ दिन बाद खबर आई कि अर्जुन भी गायब हो गया है। पुलिस की जांच विफल रही और इलाके में अंधविश्वास और भय का माहौल छा गया। कुछ लोगों का दावा था कि हवेली के अंदर एक छाया ने अर्जुन को पकड़ लिया था, जो कभी वापस नहीं लौटती।
रहस्य और अंधकार
वह छाया क्या थी? क्या हवेली सचमुच जादुई शक्तियों से लैस थी? या यह सब मनोवैज्ञानिक खेल के तहत हुआ एक रहस्य था? ये सवाल आज भी धुंध में लिपटे हैं। उस रात के बाद हवेली की दीवारें कुछ अनकहे राज छिपाए हुए हैं, जो किसी के सामने प्रकट होना नहीं चाहतीं।
अंतिम सवाल
क्या अर्जुन वापस आएगा? क्या उन रहस्यों का पर्दाफाश होगा जो काले जादू और पुरानी दास्ताओं के बीच सिमटा हुआ है? दरवाज़ा फिर से चरमरा रहा है और वहां से धीमा सिसकना सुनाई देता है, लेकिन सच अभी भी अंधकार में है।
