
उत्तर भारत के एक छोटे से भूतिया गाँव में एक पुरानी हवेली सदियों से रहस्यों को अपने अंदर छुपाए हुए है। वर्ष 2023 की सर्दियों में, बरसात के बाद गाँव के लोगों को हवेली के बेसमेंट में एक अधजली, काली किताब मिली, जिसे काला जादू का ग्रंथ माना जाता है। इस किताब में 1890 की एक रहस्यमय हत्या का सच छुपा था, जो हवेली के इतिहास में एक काला अध्याय बन गई थी।
गाँव के स्कूल मास्टर, राकेश, जो इस रहस्य की जांच में गया था, किताब मिलने के बाद गायब हो गया। हवेली के आसपास रात के सन्नाटे में अजीब आवाज़ें सुनी गईं, जिससे गाँव में दहशत फैल गई। किताब और मास्टर दोनों अचानक गुम हो गए, और स्थानीय बुजुर्गों का मानना है कि हवेली के नीचे दफन व्यक्ति इस पूरे रहस्य की जड़ है।
मुख्य बिंदु
- काली किताब का रहस्य: 1890 की हत्या और काले जादू से जुड़ा ग्रंथ।
- राकेश की गुमशी: स्कूल मास्टर जो किताब की चमक देखते ही गायब हो गया।
- हवेली में अजीब गतिविधियां: आवाज़ें, फुसफुसाहटें, और स्याह निशान।
- स्थानीय विश्वास: प्राचीन पंथों का प्रभाव जो हवेली को नियंत्रित करता है।
- अनसुलझा रहस्य: किताब और हत्याकांड का पूरा सच अभी भी अस्पष्ट है।
निष्कर्ष: यह कहानी केवल एक काला जादू का विषय नहीं, बल्कि एक गहरा अधूरा राज़ है जो सदियों से हवेली की दीवारों में दफन है। सवाल अभी भी खुले हैं—क्या यह किताब सच में काला जादू का ग्रंथ थी, या यह गाँव की दहशत को बढ़ाने वाली कोई षड़यंत्र? रहस्य अभी पूरी तरह से खुला नहीं है और यह हवेली आज भी अपनी अनसुलझी कहानी कह रही है।
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