
Summary: उत्तर भारत के एक छोटे गांव की पुरानी हवेली में गायब हुई सीमा की रहस्यमय कहानी, जहाँ काला जादू और पुरानी मान्यताएँ गहरे साए की तरह छाई हैं।
खोए हुए जख्म… उस हवेली में दफन साया
गुज़रते हुए वर्षों की धुंधली परतों में, एक पुरानी हवेली खामोशी से अपनी कहानियाँ छिपाए खड़ी थी। उत्तर भारत के एक छोटे से गांव की परंपराओं और काले जादू की मान्यताओं के बीच, यह हवेली हमेशा से एक अनसुलझे रहस्य की तरह छाई रही। हवेली और उसके आसपास के इलाके में गुमशुदगी, हत्या और रहस्यमय घटनाएँ अक्सर सुनने को मिलती थीं, लेकिन आज तक कोई भी उनका कारण स्पष्ट नहीं कर सका।
यह कहानी उस लड़की की है, जो एक दिन हवेली के अन्दर चली गई और फिर लौट कर नहीं आई। गांववाले कहते हैं कि उस दिन हवेली की दीवारों से अजीब आवाज़ें आई थीं—मोहक, डरावनी, मानो कोई पुरानी आत्मा जाग रही हो। लड़की का नाम था सीमा। सीमा को गांव में उसकी मासूमियत और साहस के लिए जाना जाता था, लेकिन एक दिन उसने हवेली का टूटा-फूटा दरवाज़ा खोल दिया।
हवेली के अंदर उसका क़दम रखते ही वातावरण बदल गया। एक ठंडी हवा जिसकी चाल निशब्द सी थी, उसके चारों ओर घेरने लगी। दीवारों पर उकेरे गए निशान तरस रहे थे किसी पुरानी कहानी के लिए, शायद उस भूली हुई हत्या का, जिसका गांव में खुलासा कभी न हो सका। वहां एक छिपा हुआ कमरा था, जहां एक काला जादू से जुड़ी किताब रखी हुई थी — जिसकी पन्नों में अजीबोगरीब मंत्र और किंवदंतियाँ लिखी थीं। सीमा की आँखें उस किताब से हट नहीं रही थीं।
रात धीरे-धीरे हावी हो रही थी। सेंगते हुए दरवाज़े की चरमराहट, हवेली के भीतर पड़ी धूल से उठती हुई परछाईं — सब कुछ ऐसा लग रहा था मानो कोई छिपा हुआ साया सीमा को अपनी ओर खींच रहा हो। अचानक, क्षेत्र में बिजली की चमक के साथ एक गहरी चीख गूंजी। गांव में आग लगने जैसी अफवाह उड़ी, लेकिन जब लोग पहुंचे तो वह हवेली वैसी की वैसी शांत खड़ी थी, जैसे कुछ भी नहीं हुआ हो। लेकिन सीमा… वो आज तक वापस नहीं आई।
गांव के बुजुर्ग कहते हैं कि हवेली में छिपा हुआ था कोई भयानक रहस्य — एक ऐसा काला जादू जिसका असर महीनों तक गांव में फैलता रहा। हर उस व्यक्ति जो हवेली के औरतूफे में गया, वह गायब हो गया, या फिर उसका शरीर अजीब तरह से निकला। हत्या के पुराने मामले ताज़ा हुए, जैसे कोई पुरानी आत्मा न्याय की मांग कर रही हो।
पुलिस जांच में भी कोई ठोस सबूत नहीं मिला। सीमा के मोबाइल और सामान जहां-तहां बिखरे मिले, लेकिन खुद उसकी कोई पहचान तक नहीं मिली। रहस्यमय काला जादू, पुराने पंथ और भयावह कहानियों ने गांव को एक नए डर की चपेट में ला दिया था। धीरे-धीरे, लोग उस हवेली के पास जाना भी छोड़ देते। वहां की कहानी अब भी एक अनसुलझा मर्डर मिस्ट्री बनी हुई है।
पर क्या वाकई उस हवेली के अंदर कुछ अलौकिक था? या फिर यह सब मानव मन के डर और कल्पनाओं की उपज है? सीमा के अंतिम कदम, उस किताब के पन्ने, और हवेली की दीवारों में छुपा एक साया — ये सवाल आज भी हवा में तैर रहे हैं। दरवाज़ा धीरे-धीरे चरमराया… और सन्नाटा गूंज उठा।