Summary: मध्यप्रदेश के बरगवां गांव में विनोद नामक युवक की रहस्यमयी गायबगी और काले जादू से जुड़े एक प्राचीन पंथ का अनसुलझा रहस्य सामने आया है। हवेली के आसपास घटित अजीब घटनाएं और रहस्यमयी प्रतीक गांव में भय और अफवाहों का कारण बने हैं।
गांव में दफन राज़: उस रात जो लौट कर नहीं आया
सर्द हवाओं के बीच, मध्यप्रदेश के एक छोटे से गांव बरगवां में एक गहरे सन्नाटे के साथ एक अज्ञात घटना ने पूरे इलाके को सिहरन में डाल दिया। विनोद, जिसे गांव वाले प्यार से ‘विनु’ कहते थे, अक्टूबर 2023 की कड़ाके की ठंडी रात घर से निकला लेकिन कभी लौट कर नहीं आया।
विनोद और रहस्यमयी हवेली
विनोद का रुख अक्सर गांव की पुरानी हवेली की ओर होता था, जो काले जादू और पंथों की कथाओं से घिरी हुई थी। हवेली की खिड़कियों से अजीब आवाजें और छाया निकलना गांव वालों की चिंताओं को बढ़ाता रहा। उसी रात हवेली की खिड़की टूटने की आवाज के बाद विनोद गायब हो गया।
गांव की अफवाहें और जांच
- विनोद की जेब से मिली एक घंटी, जिस पर काला ‘राक्षसी चिन्ह’ खुदा हुआ था।
- गांव के बुजुर्गों का कहना था कि यह चिन्ह काले जादू से जुड़ा हुआ है।
- पुलिस जांच में यह पुष्टि नहीं हो पाई कि विनोद के साथ क्या हुआ।
- हवेली के पास बच्चों ने लाल आंखों वाले शख्स को देखा जो रहस्य को और गहरा करता है।
काल-त्रिशूल पंथ का इतिहास
गांव के पुजारी ने बताया कि हवेली के आसपास एक प्राचीन पंथ ‘काल-त्रिशूल’ के अनुष्ठान होते थे। यह पंथ मनुष्य की आत्मा को बुरी शक्तियों से बांधने के लिए जाना जाता था, और विनोद की गायबगी को इसी से जोड़ा जा रहा है।
अदृश्य भय और तमाम सवाल
- हवेली से आती रहस्यमयी आवाजें और लाल रोशनी
- विनोद की गुमशुदगी और उसके पीछे का काला प्रतीक
- क्या वह कोई रहस्य समझ पाया या काले जादू का शिकार हो गया?
बरगवां की यह घटना सच और कल्पना की सीमा पर एक गूढ़ पहेली जैसी है, जो आज भी गांव के दिलों में डर और जिज्ञासा का साया लिए घूम रही है। क्या यह सिर्फ एक कहानी है या उस रात के असली राज की शुरुआत, यह सवाल हवा में तैरता रहता है।
दरवाजा धीमे-धीमे चरमराया… और सन्नाटा गूंज उठा।
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