
Summary: उत्तर भारत के एक छोटे से गांव शिवपुर में एक रहस्यमयी घटना सामने आई, जिसमें एक लड़की रिया गायब हो गई। यह घटना काले जादू से जुड़ी मानी जाती है और आज भी अनसुलझी बनी हुई है। गांव की पुरानी हवेली, जिसे ‘खूनी हवेली’ कहा जाता है, से जुड़ा यह रहस्य गांव में भय और अंधविश्वास की स्थिति पैदा कर गया है।
गांव और घटना की पृष्ठभूमि
शिवपुर गांव उत्तर भारत के दक्षिणी किनारे पर स्थित एक छोटा गांव है, जहां आधुनिकता और परंपरा दोनों का संगम देखने को मिलता है। इस गांव की पुरानी हवेली की कथाएँ प्रायः डरावनी और रहस्यमयी रही हैं, जिन्हें लोग काले जादू और अजीबोगरीब घटनाओं से जोड़ते हैं।
रहस्यमयी घटना
उस शाम, जब धुंध छाई थी और कौवों की आवाज़ें गूंज रही थीं, रिया और उसके दोस्त ‘खूनी हवेली’ के पास से गुजर रहे थे। मज़ाक-मस्ती में रिया ने हवेली के अंदर जाने का फैसला किया। अंदर मिलते हैं:
- अंधेरे में अजीबोगरीब निशान और प्राचीन प्रतीक
- भगवे रंग की धुंध में एक प्राचीन ग्रंथ जिसे काले जादू से जोड़ा जाता है
- हवेली में अचानक हवा का चलना और दीवारों पर छायाओं का हिलना
- बिजली चली जाना और एक गुमसुम चीख का गुज़रना
रिया की गुमशुदगी और उसके बाद
उस रात से रिया कहीं गायब हो गई। पुलिस जांच के बावजूद कोई सुराग नहीं मिला। गांव वाले डर कर अपने घरों के दरवाज़े बंद कर लिए और हवेली के आसपास शांति नहीं रही। कहा जाता है कि हवेली में आज भी रिया की आवाज़ सुनाई देती है, जो एक रहस्य को उजागर करती है।
क्या सचमुच हुआ?
गांव में विवाद हैं कि क्या यह सब काले जादू का असर था या कोई षड्यंत्र। कई लोग मानते हैं कि हवेली का पुराना ग्रंथ रिया को कहीं गहराई में दफना चुका है। यह कहानी गांव के लिए रहस्य, भय और अंधकार का प्रतीक बन गई है।
अंत में
शिवपुर की हवेली की एक खिड़की आज भी खुली है, जिससे कभी-कभी रात में एक परछाईं नजर आती है। क्या वह परछाईं रिया की ही है, यह सवाल गांववालों के मन में सदैव बना रहता है।
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