
एक छोटे से गांव में गायब हुई लड़की निशा की कहानी सुनाने वाली यह कथा पुरानी हवेली, काला जादू और रहस्यमय परछाई के इर्द-गिर्द घूमती है। उस एक ठंडी नवंबर की रात, जब निशा अचानक गायब हो गई, तब से गांव में एक अजीब और डरावनी माहौल छा गया।
कहानी की पृष्ठभूमि
गांव के लोग उस हवेली को ‘खूनी हवेली’ के नाम से जानते थे, जहां से अजीब-अजीब कहानियाँ और काले जादू की घटनाएं सामने आती थीं। निशा, जो एक खुशमिजाज लड़की थी, उस रात वापस नहीं लौटी, और उसके कमरे में केवल एक रहस्यमय किताब मिली।
रहस्यमय घटनाएं और पुलिस जांच
- बीच रात हवेली से निकलती रहस्यमयी परछाई को कई लोगों ने देखा।
- पुलिस ने निशा के कमरे से एक किताब बरामद की, जिसमें अजीब चिह्न थे।
- कुछ बुजुर्गों ने रहस्यमयी समूह और गुप्त अनुष्ठानों की बातें बताईं।
गांव के विश्वास और वर्तमान स्थिति
गांव वालों का मानना है कि निशा की आत्मा हवेली के काले साए में कैद है और जो भी उसे ढूंढने निकला, वह लौटकर नहीं आया। हवेली में आने वाली चरमरा रही दरवाजे की आवाज़ एवं कराहती हुई फर्नीचर की गूँज इस बात का प्रतीक हैं कि वहां कोई अनजाना और भयावह शक्ति सक्रिय है।
खुला सवाल
क्या निशा सच में काले जादू का शिकार है? क्या वह रहस्यमयी परछाई की मौजूदगी का हिस्सा है? या यह सब गांव में फैली पुरानी मान्यताओं और भय का परिणाम? यह गुत्थी आज भी गांव वालों के लिए अनसुलझी बनी हुई है।
सारांश: यह कहानी एक छोटी सी लड़की के अचानक गायब हो जाने के बाद उस गांव में व्याप्त भय और रहस्यों की पड़ताल करती है। पुरानी हवेली, काला जादू तथा रहस्यमयी परछाई के इर्द-गिर्द बुनी गई यह घटना एक अंधेरे साजिश की तरफ इशारा करती है, जो आज भी गांव में लोगों के दिमाग में सवाल खड़े करती है।