
गायब होने का रहस्य उस छोटे से गांव में चार दिन पहले अमित नामक युवक की रहस्यमयी गुमशुदगी ने सभी को चिंतित कर दिया था। यह घटना साधारण गायब होने की न होकर एक गूढ़ कहानी के रूप में सामने आई, जिसमें काला जादू और प्राचीन पंथों की परतें खुलनी शुरू हुईं। अमित की आखिरी नजरें गांव के घने पेड़ों वाले इलाके में देखी गईं थीं, लेकिन वह वापस नहीं आया।
अमित और पुरानी किताब
अमित ने अपनी दादी से एक पुरानी और रहस्यमयी किताब देखी थी, जो काले जादू और पंथों से जुड़ी हुई थी। कहा जाता है कि वह किताब व्यक्ति के भाग्य को बदल सकती है, लेकिन इसके पीछे छुपी कीमत बड़ी अंधकारमय होती है। अमित की दादी की मृत्यु के बाद उस किताब का एक पन्ना अचानक गायब हो गया था।
गांव के रहस्य और प्राचीन मंदिर
पुराने गांव के बुजुर्गों के अनुसार, किताब द्वारा पूर्ण की गई इच्छाएँ धीरे-धीरे प्राचीन शक्तियाँ व्यक्ति का हिस्सा बनाती हैं। अमित का आखिरी पता एक पुरातन मंदिर था, जहां कभी काला जादू और पंथों का अंधकार रहा था। लोगों ने वहां जलती हुई लाल रोशनी और अनहोनी आवाज़ें सुनीं, लेकिन इन दावों की पुष्टि नहीं हो पाई।
जाँच और रहस्यमयी सुराग
पुलिस ने जांच के दौरान एक पुराने कुएं से अमित की छड़ी बरामद की, जिस पर अजीब निशान मिले जो काले जादू और पंथ के संकेत बताते थे। गांव में फैल रही घबराहट इस बात का अहसास करा रही थी कि कौन-सा पुराना साया चरमरा रहा है। Amit के परिवार और मित्रों पर काले धब्बे पाए गए, पर कोई भी इस रहस्य को सुलझा नहीं पाया।
अंत और सवाल
गांव में धीरे-धीरे एक एहसास पनप रहा था कि Amit ने कोई ऐसी गुत्थी छुपाई है जो किसी कुर्बानी के इंतजार में है। एक दरवाजा चरमरा रहा था और सन्नाटा गूंज रहा था, जैसे वह रात जब Amit आखिरी बार दिखाई पड़ा था। सवाल ये था – क्या Amit लौटेगा या उसके साथ जो हुआ उसे हमेशा के लिए अंधकार में दफन रहना होगा।
सारांश: यह कहानी एक छोटे गांव में अमित की रहस्यमयी गायब होने की घटना से शुरू होती है, जिसमें काला जादू, पुराने पंथों और प्राचीन शक्तियों की परतें खुलती हैं। अमित की दादी की पुरानी किताब से जुड़ा यह रहस्य गांव में भय और अनिश्चितता फैलाता है। अंत तक यह अपराध और अंधकार का एक दिल दहला देने वाला सच बनकर सामने आता है, जो अभी तक अनसुलझा है।