
गांव में दफन राज़ की यह कहानी एक प्राचीन हवेली और वहाँ लापता हुए रणवीर नामक युवक के इर्द-गिर्द घूमती है। धूप की आखिरी किरणों के बीच, घने जंगल के बीच स्थित वह पुरानी हवेली सदियों पुराने रहस्यों को अपने अंदर संजोए हुए है। रणवीर, जिसकी हँसी गाँव की गलियों में गूँजती थी, अचानक बिना कोई सुराग छोड़े लापता हो गया।
गांव के लोग उसकी खोज में जुट गए, जंगल और हवेली के संदिग्ध कोनों की जांच की गई, पर कहीं कोई निशान नहीं मिला। इस बीच गांव में कई अफवाहें उड़ने लगीं, जैसे कि हवेली में मौजूद काले जादू ने रणवीर को निगल लिया, या कोई अघोरी पंथ युवकों को अपने जाल में फंसा लेता है।
रहस्यमयी हवेली का मंजर
हवेली के अंदर धूल जम चुकी थी, दरवाज़ों में चरमराहट होती थी और दीवारों पर अमूर्त चित्र बने थे जिनमें एक रहस्यमय भाषा दर्शाई गई थी। वहाँ एक पुरानी डायरी मिली जिसमें संस्कृत में कुछ अस्पष्ट मंत्र लिखे थे। ये मंत्र प्राचीन मान्यताओं से जुड़े थे, जिन्हें गांव में अब भी गुप्त रखा जाता है।
कहानी जैसे-जैसे आगे बढ़ी, रहस्य और गहरा होता गया। सवाल उठता है:
- क्या रणवीर सचमुच किसी काले जादू की भूल-भुलैया में फंसा है?
- क्या हवेली में दफन कोई पुरानी आत्मा है जो अपनी पीड़ा जता रही है?
- और रात में हवेली के इर्द-गिर्द गूंजती तेज़ हवा की आवाज़ — क्या वह हवाओं की आवाज़ है या कोई अधर मंगल गीत?
गांव की रहस्यमयी विरासत
धीरे-धीरे गांव के लोग उस डूबते सूरज की यादों में खो गए। हवेली के पास कोई देर तक ठहरना पसंद नहीं करता था क्योंकि रात में तन्हा कदमों की आहट सुनाई देती थी, जो अज्ञात भय से दिलों को दहला देती थी। यह कोई साधारण मौत नहीं, बल्कि गांव की आत्मा में दफ़न एक काला साया था जिसे भुलाया नहीं जा सकता।
रणवीर क्या कभी लौट पाएगा? क्या हवेली की छाया में आज भी काला जादू सक्रिय है? इन सवालों के बीच, दरवाज़ा धीरे-धीरे चरमरा उठता है और सन्नाटा छा जाता है।
सारांश
यह कहानी एक गांव की पुरानी हवेली की है जहाँ एक युवक रणवीर रहस्यमय तरीके से लापता हो जाता है। हवेली में छिपे काले जादू और गुप्त मंत्रों का रहस्य गांव के लोगों के लिए सदियों से दफन है। इस दास्तान में रहस्य, अंधविश्वास और भय का ऐसा मिश्रण है जो गांव की आत्मा को गहरे तक छूता है और इसे एक अविस्मरणीय काला साया बना देता है।