
Summary: ज़हरिया गाँव की एक रहस्यमयी गायब होने की घटना ने काले जादू, पुरानी हवेली और भयावह पंथ की कहानियों को जन्म दिया, जो अब तक गांव में एक अनसुलझे रहस्य के रूप में मंडरा रहे हैं।
गांव में घेरती रहस्यमयी छाया
धुंध और ठंडी हवाएं ज़हरिया गाँव की गगनचुंबी पेड़ों के बीच सरसराती हुई गुजर रही थीं। यह गांव, जिसे आमतौर पर लोग मामूली समझते थे, कई पुराने और भयावह रहस्यों का घर था। एक दिन अरविंद नामक युवक की अचानक गुमशुदगी ने पूरे गांव को डर और अजीबोगरीब आशंका में डाल दिया। यह घटना धुंध के साथ मेल खाती एक रहस्यपूर्ण छाया की तरह थी।
गायब होना और काला जादू
अरविंद के घर के बाहर जड़ी-बूटियां और ताबीज़ छिटके हुए मिले, साथ ही एक पुरानी काली किताब के टुकड़े भी पाए गए थे, जिन पर अजानी भाषा में किरदार लिखे हुए थे। यह सब प्रमाण गांव में फैले काले जादू और पंथ के भयावह अंधविश्वास को गहरा कर रहे थे।
खूनी हवेली का इतिहास
गांव के बुजुर्ग बताते हैं कि कुछ साल पहले एक कुटुंबीय हत्या हुई थी, जहां एक व्यक्ति रहस्यमयी तरीके से गायब हो गया था। उसी स्थान के पास बनी ‘खूनी हवेली’ को गांव के लोग डर के साथ देखते हैं। हवेली के आसपास के जंगलों में अजीब सी गूँज और रहस्यमय आवाजें सुनाई देती हैं, जो भय को बढ़ाती हैं।
वह रातें जब हवेली में रोशनी चमकी
अरविंद के गायब होने के बाद कई बार रात में ‘खूनी हवेली’ के अंदर से रोशनी चमकती देखी गई। कुछ लोगों ने देखा कि हवेली से परछाइयें निकलती थीं, जो हवाओं से बातें कर रही थीं। धीमी और डरावनी आवाजें जैसे “वापस आ…” कानों में गूंजती थीं।
गांव में फैला डर और शक
गांव वाले आपस में फूट रहे थे और डर के साये ने गांव को अपनी गिरफ्त में ले लिया था। कुछ लोग मानते थे कि अरविंद ने खुद काले जादू में प्रवेश किया था, जबकि दूसरे कहते थे कि उसे हवेली के रहस्यमय जीवों ने अपनी टोली में शामिल कर लिया है। पुलिस जांच में कोई आपराधिक प्रमाण नहीं मिले, परंतु सबूत इतने अस्पष्ट थे कि संदिग्धों की कमी नहीं थी।
मुखिया के शब्द और गांव की अनसुलझी तकलीफ
गांव के मुखिया ने कहा था कि “यहाँ जो एक बार खो जाता है, वह कभी वापस नहीं आता।” अरविंद की मysterious गुमशुदगी ने गांव के अँधेरे और भय को और घना कर दिया। ताबीज़ की कहानियां, हवेली के दरवाजों से निकलती ठंडी हवा, और कुएं की खामोशी जैसे संकेत इस पहेली को और जटिल बना रहे हैं।
अंत में
यह कहानी केवल एक घटना नहीं, बल्कि कई रहस्यमय घटनाओं का हिस्सा है जो शायद कभी पूरी तरह स्पष्ट न हो सके। क्या अरविंद की आत्मा को काला जादू बंदी बनाकर रखा गया है? या वह केवल एक परछाई बनकर उड़ गया? ऐसे अनसुलझे सवाल ज़हरिया गांव की धुंध में गूंजते रहेंगे।
दरवाज़ा चरमरा उठा और सन्नाटा छा गया। क्या यह कहानी यहीं समाप्त होगी, या वह गांव के प्रेत हर रात उठते रहेंगे? यही रहस्य आज भी गांव में ज़िंदा है।
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