
Summary: एक छोटे गांव की पुरानी हवेली में दफन काला जादू और रहस्यमय गायब होने की घटना की रहस्यमयी, डरावनी कहानी।
गांव का अंधकार
धूप की आखिरी किरणें धीरे-धीरे पीछे हट रही थीं और गांव की संकरी गलियां घोर अंधकार में डूब रही थीं। वहां एक सन्नाटा था जो रूह तक थर्रा देता था। यह वही गांव था जहाँ विशाल रहता था, जिसने आखिरी बार उस खौफनाक हवेली का दरवाज़ा पार किया, पर कभी वापस नहीं लौटा।
हवेली की रहस्यमय दुनिया
हवेली की दीवारें दरक चुकी थीं, खिड़कियां टूटी थीं और अंदर से रहस्यमय गीत निकलते थे। गांव के बुजुर्ग कहते थे कि वहां एक प्राचीन काला जादू छिपा है जो आत्माओं को अपनी गिरफ्त में ले लेता है। विशाल, जिज्ञासु व निडर युवक, रात के सन्नाटे में हवेली की असलियत जानने गया।
हवेली के अंदर का अनुभव
- हवा के साथ अजीब फुसफुसाहट सुनाई देती थी।
- मोबाइल की रोशनी दीवारों पर भयावह छाया बन रही थी।
- पुरानी किताब मिली जिसमें अज्ञात भाषा और अजीब चित्र बने थे।
अदृश्य शक्तियों का प्रभाव
दरवाज़ा चरमराने लगा मगर कोई दिखाई नहीं दिया। हवा तेज़ चलने लगी, और ऐसा लगा जैसे कोई अंदर से चिल्ला रहा हो। विशाल महसूस करता है कि उसे कोई अदृश्य शक्ति अपने प्रभाव में ले रही है। हवेली अकेलेपन के साये से ऐसी आतंकपूर्ण हो गई थी कि इंसान पागलपन के कगार पर पहुंच सकता था।
रहस्यमयी अनावरण
- विशाल ने किताब खोली और अचानक आसपास सन्नाटा पसरा।
- मधुर संगीत वातावरण में गूंजने लगा।
- आंखों के सामने जल चुकी महिला का आधा चेहरा उभरा।
- दरवाज़ा जोर से बंद हो गया और विशाल ने किताब पढ़ना शुरू किया।
अंतिम घटना और गायब होना
जैसे ही विशाल ने किताब के अंतिम शब्द पढ़े, हवेली की रोशनी एक रहस्यमयी चमक में बदल गई। उसका मन एक ऐसी दुनिया में पहुंचा जहाँ समय थम गया था और असाधारण शक्तियां उसकी आत्मा को घेरे थीं। अगली सुबह विशाल गायब मिला, केवल उसकी जूते और किताब का फटा पन्ना ही मौजूद था।
निष्कर्ष
गांव में चर्चाएं तेज़ हो गईं कि विशाल काला जादू की गिरफ्त में फंस गया। हवेली आज भी अपने रहस्यों को छुपाए खड़ी है। कभी-कभी वहां से अनजान आवाजें आती हैं, जैसे कोई खोया हुआ साथी लौटने को बेचैन हो। क्या विशाल उस रहस्यमय दुनिया में खो गया? या उसकी आत्मा हवेली की दीवारों में फंसी है? जवाब अब भी उस गांव की हवा में गूंजते हैं।