
सारांश: इस कहानी में नवनीत नामक एक युवक की रहस्यमयी गायब होने की घटना का वर्णन है, जो घने जंगल में एक अजीब रोशनी के पीछे गया था और फिर वापस नहीं लौटा। कहानी में काला जादू, अलौकिक घटनाएँ और ‘खून की हवेली’ के रहस्यों का जिक्र है, जहां एक नकाबपोश संस्कार स्थल माना जाता है। गांव के लोग और खोजी पत्रकार इस रहस्य को समझने की कोशिश करते हैं, लेकिन अंत तक कई सवाल अनसुलझे रह जाते हैं।
रहस्यमयी गायब होने की घटना
2023 की एक ठंडी रात, 19 वर्षीय नवनीत अकेले जंगल में गया था और वह कभी वापस नहीं लौटा। गांव वाले उस रात जमीन से निकलने वाली सुनहरी रौशनी और बाद में सुनी गई पागलपन भरी आवाजों की बात याद करते हैं। पुलिस खोजी अभियानों के बावजूद नवनीत का कोई पता नहीं लगा सकी।
खून की हवेली और काला जादू
जंगल के बीच में स्थित ‘खून की हवेली’ को काला जादू और रहस्यमयी संस्कारों का स्थल माना जाता है। गांव के बुजुर्ग बताते हैं कि हवेली के नीचे एक नकाबपोश पंथ चलता है जो मनुष्यों की परछाइयों को मोहित कर देता है, जिसके कारण जंगल में जो कोई भी जाता है उसकी परछाई वापस नहीं आती।
अलौकिक घटनाएँ और भय
विभिन्न लोगों ने नवनीत की आवाज़ सुनी, जो बाहर निकलने की पुकार थी। किसी ने उलझी धुंध में चमकती आकृति देखी, जिसने गांव में भय और शक का माहौल पैदा कर दिया। विज्ञान इन घटनाओं को समझने में असमर्थ रहा।
अंतिम सवाल
क्या नवनीत भू-भाग के अंदर कहीं खो गया या उसकी परछाई उसे कहीं फंसाए हुए है? क्या हवेली की काला जादू की बातें सच हैं या ये केवल एक डरावनी कहानी मात्र है? इस कहानी में जो रहस्य है, वह आज तक अनसुलझा है।