
दिल्ली में हाल ही में एक अध्ययन के अनुसार, हॉरर और क्राइम फिल्मों की लोकप्रियता के पीछे कई मनोवैज्ञानिक कारण होते हैं।
मुख्य कारण
- एड्रेनालाईन का उत्सर्जन: डर के पल में शरीर में ऊर्जा की एक लहर उत्पन्न होती है।
- जिज्ञासा: हम अपराध या भयानक घटनाओं के बारे में जानना चाहते हैं।
- खुद को चुनौती देना: अपनी सीमाओं को समझने की कोशिश करते हैं डर का सामना कर।
- असुरक्षा का सामना करना: वास्तविक जीवन की समस्याओं से कुछ पल के लिए दूर करता है।
- भावनात्मक छूट: ये फिल्में हमें ठंडे दिल से डराने का मौका देती हैं।
- सामाजिक जुड़ाव: दोस्तों और परिवार के साथ देखने में ये फिल्में मजेदार होती हैं।
- रहस्य का समाधान करना: कहानी के ट्विस्ट का पता लगाना चाहते हैं।
- वास्तविकता से भागना: तनाव या समस्याओं से थोड़ी राहत पाने का मौका।
- खुद को समझना और अपनी भावनाओं को पहचानना: यह अनुभव हमें आत्म-विश्लेषण में मदद करता है।
ये सभी कारण मिलकर हॉरर और क्राइम फिल्मों को लोगों के बीच खास बनाते हैं।
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