
Summary: बरसानी गांव में अर्जुन के गायब होने की कहानी, जिसमें एक रहस्यमयी हवेली और काले जादू का साया था, जो आज भी प्रश्न छोड़ता है।
बरसानी गांव का मysterious गायब होना
धुंधली सड़कों और ठंडी हवाओं के बीच स्थित बरसानी गांव, समय के ठहराव का प्रतीक था। यह वह जगह थी जहां एक साधारण किसान अर्जुन अचानक गायब हो गया, जिससे पूरा गांव सन्नाटे में डूब गया।
अंधेरी रात में अर्जुन का गायब होना
सितंबर की एक चंद्रहीन रात को, अर्जुन खेत से लौटते हुए रास्ता भटक गया। उसकी आखिरी नजर गांव के पुराने मठ पर पड़ी, जिसे काले जादू से जोड़ा जाता था। गांव के बुजुर्गों का कहना था कि मठ की दीवारों में काला जादू छिपा है।
रहस्यमयी निशान और साधु की भविष्यवाणी
अगले दिन, अर्जुन की खोज में नई रहस्यमयी चीजें मिलीं: गंदी काली मिट्टी और पुरानी पगड़ी का टुकड़ा। गांव के अनुभवी साधु ने इसे काला जादू बताते हुए कहा कि अर्जुन की आत्मा गांव की उस पुरानी हवेली में फंसी हुई है।
हवेली का इतिहास और भयावहता
हवेली वर्षों से सुनसान थी। माना जाता था कि वहां एक रहस्यमयी पंथ रहता था जो काले जादू में निपुण था। हवेली के अंदर दीवारों पर सूखे हुए खून के निशान और धुंध जैसे अजीब दृश्य मिले।
अर्जुन की अंतिम झलक और हवेली से गूंज
- कुछ ग्रामीणों ने देखा कि अर्जुन हवेली के करीब था लेकिन उसकी कोई आवाज़ नहीं आई।
- रातों को हवेली से धीमी-धीमी फुसफुसाहटें सुनाई देती थीं जो तंत्र-मंत्र के शब्द लगते थे।
पत्रकार विशाल का अनुभव
एक युवा पत्रकार विशाल ने रहस्यों को सुलझाने के लिए हवेली में प्रवेश किया। उसने एक पुरानी पुस्तक खोजी जिसमें काले अक्षरों में नाम और तारीखें थीं, लेकिन हवेली की छायाएं उसे घेरती गईं।
अंतिम सवाल और अनसुलझी रहस्यमयता
क्या अर्जुन सचमुच काले जादू की गिरफ्त में है? क्या उसकी आत्मा हवेली में भटक रही है? या सब कुछ गांववालों के डर और पुरानी परंपराओं का परिणाम है? ये सवाल आज भी बरसानी गांव की धुंधली गलियों में गूंजते हैं।
अर्जुन के लिए कोई निश्चित जवाब नहीं है, और यह रहस्य बरसानी की हवेली की खिड़कियों से छूते हुए आज भी हमारी कल्पना को घेरता है।
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